सूर्यग्रहण कितने बजे से शुरू होगा? सूर्यग्रहण कहाँ कहाँ लगेगा?

सूर्यग्रहण कितने बजे से शुरू होगा?

सूर्यग्रहण कितने बजे से शुरु होगा आइए हम जानते है। सूर्यग्रहण 21 सितंबर 2025 की रात 11 बजे से देर रात 03 बजे 23 मिनट तक रहेगा। यह सूर्यग्रहण साल 2025 का आखरी सूर्यग्रहण है। सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है। सूर्यग्रहण तब पड़ता है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच में चंद्रमा आ जाता है जिससे सूर्य का प्रकाश चंद्रमा की वजह से अवरूद्ध हो जाता है इसी कारण से पृथ्वी के कुछ हिस्सों पर अंधेरा हो जाता है। कोई भी ग्रहण पूर्ण या आंशिक रूप से होता हैं। 21 सितम्बर को लगने वाला सूर्यग्रहण आंशिक रूप से होगा।

सूर्य ग्रहण हमेशा चंद्र ग्रहण से लगभग दो हफ़्ते पहले या बाद में होता है।

सूर्यग्रहण हमेशा चंद्रग्रहण के पहले या बाद में होता है। जो लगभग दो हफ़्ते पहले या बाद में होता है।
जैसे पहले चंद्रग्रहण 7 सितम्बर – 8 सितम्बर को हुआ उसके बाद सूर्यग्रहण लगभग दो हफ़्ते बाद 21 सितम्बर को होगा।

2025 में लगने वाले ग्रहण –

13-14 मार्च 2025 – पूर्ण चंद्र ग्रहण

29 मार्च 2025 – आंशिक सूर्य ग्रहण

7-8 सितंबर 2025 – पूर्ण चंद्र ग्रहण

21 सितंबर 2025 – आंशिक सूर्य ग्रहण

2026 में लगने वाले ग्रहण –

17 फ़रवरी 2026 – वलयाकार सूर्य ग्रहण

2-3 मार्च 2026 – पूर्ण चंद्र ग्रहण

12 अगस्त 2026 – पूर्ण सूर्य ग्रहण

27-28 अगस्त 2026 – आंशिक चंद्र ग्रहण

21 सितम्बर को कहां लगेगा सूर्यग्रहण

21 सितंबर 2025 को आंशिक सूर्यग्रहण कहां दिखाई देगा?

यह ग्रहण केवल न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया के आखिरी पूर्वी तट, विभिन्न प्रशांत द्वीपों और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा।

सूर्यग्रहण के प्रकार

सूर्यग्रहण के चार मुख्य प्रकार हैं:

1. पूर्ण सूर्यग्रहण

इस प्रकार के ग्रहण में चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है जिससे सूर्य का केवल बाहरी वायुमंडल ही दिखाई देता है और यह तभी होता है जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढकने के लिए सही दूरी पर होता है। इस तरह के ग्रहण को चित्र में दर्शाया गया है।

पूर्ण सूर्यग्रहण

2. आंशिक सूर्यग्रहण

चंद्रमा सूर्य के केवल कुछ ही हिस्से को ही ढकता है। इसमें ऐसा लगता है जैसे सूर्य का एक छोटे से हिस्से को काट दिया गया हो। इस तरह के ग्रहण को चित्र में दर्शाया गया है।

आंशिक सूर्यग्रहण

3. वलयाकार सूर्यग्रहण

चंद्रमा पृथ्वी से एक ऐसी दूरी पर होता है कि सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढक पाता जिससे चंद्रमा के चारों ओर एक अग्नि वलय के रूम में नजर आता है जैसे कि इस तरह के ग्रहण को चित्र में दर्शाया गया है।

वलयाकार सूर्यग्रहण

4. संकर सूर्यग्रहण

यह ग्रहण पृथ्वी के कुछ स्थानों से पूर्ण और कुछ स्थानों से वलयाकार के रूप में दिखाई देता है।

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